Webinar information
Honourable Sir / Madam This webinar information is initiative to keep elders updated on activities and initiatives With best regards Sincerely yours Surendra Mathur (नोट: हम 05 फरवरी 2022 को ब्रिटनी, फ्रांस के प्रोफेसर सर्ज ले गुइरिएक द्वारा यूरोप और भारत के महापाषाण संरचनाओं के तुलनात्मक अध्ययन पर एक व्याख्यान का आयोजन करेंगे। हम इतिहास और पुरातत्व के विद्वानों और छात्रों को आमंत्रित करते हैं क्योंकि हमारे पास इस विषय पर बाद में व्याख्यान की श्रृंखला होगी। प्रोफेसर सर्ज ने इस शोध कार्य के लिए विशेष रूप से काम किया है और इस विषय पर अधिकृत लेखक हैं। कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लिए अलग-अलग वेबिनार की भी व्यवस्था की जा सकती है।) (फरवरी में व्याख्यान की अनुसूची 05 फरवरी: यूरोप की महापाषाण संरचनाएं 12 फरवरी: फ्लेमिंग्स, ब्रुसेल्स 17 फरवरी: कला और संस्कृति, वियतनाम 26 फरवरी: आर्मेनिया-अजरबैजान सीमा संकट) यह व्याख्यान थाईलैण्ड की शोधकर्ता और प्रोफ़ेसर द्वारा थाईलैण्ड के जनजाति समाज तथा उनका चुनौतीपूर्ण जीवन पर है। यह भारत और पड़ोसी देशों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। ऐसी ही चुनौती यूरोपीय देशों में जातीय समूह भी झेल रहे हैं। थाईलैंड के दिवंगत राजा एच.एच.भूमिबोल अदुल्यादेज थाईलैंड के सबसे लोकप्रिय राजाओं में से एक थे और उन्होंने थाईलैंड के स्वदेशी समूहों के उत्थान के लिए कई परियोजनाओं की योजना बनाई। उत्तर में सबसे महत्वपूर्ण और आबादी वाले आदिवासी क्षेत्र तथाकथित स्वर्ण त्रिभुज थाईलैंड, म्यांमार और लाओस की सीमा के सबसे नाजुक होने के कारण, उन्होंने उत्तरी थाईलैंड में एक शोध और सुविधा केंद्र की स्थापना की। उनके अधिकारों और विशेषाधिकारों की रक्षा की। भारत में भी तक़रीबन १२ करोड़ वनवासी समाज है जो मूलतः सनातन संस्कृति से जुड़ा हुआ है। चुनौतियाँ वैसी ही है जैसी थाईलैण्ड में हैं । अनेक जनजातियों का पौराणिक संबंध भारत के पड़ोसी देशों से भी है। कई भारतीय स्वदेशी वनवासी समूह जैसे चकमा, मोघ या मर्म, त्रिपुरा, रियांग, कुकी, गारो, बोडो, हलम, ओचाई, कार्बी, दिमासा, मिजो, नागा, खासी, संथाल, गंगटे, सिंगफो, सोनोवाल, यमचुंगर, खासी, जयंतिया (पनार), हाजोंग, कोच, बर्मन, चिन आदि के पड़ोसी देशों जैसे बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैंड, लाओस, कंबोडिया, वियतनाम और यहां तक कि चीन के साथ प्राचीन संबंध हैं। स्वदेशी समूह में से एक का यहूदियों (इज़राइल) के साथ प्राचीन संबंध हैं। आइए चुनौतियों को साझा करें। मेजर सुरेंद्र माथुर,एस.एम.(से.नि.) विश्व विभाग प्रमुख अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम (Note: We shall be organising a lecture on comparative study of Megalithic Structures of Europe and India by Prof Serge Le Guirriec from Brittany, France on 05 February 2022. We invite scholars and students of History & archeology as we shall have series of lectures on this subject later. Professor Serge has worked exclusively for this research work and is an authority on this subject. Separate Webinars can also be arranged for colleges and universities.) (Schedule of lectures in February 05 Feb: Megalithic Structures of Europe 12 Feb: Flamings, Brussels 17 Feb: Art & Culture, Vietnam 26 Feb: Armenia-Azerbaijan border crisis ) This lecture is on the tribal societies of Thailand and their challenging life by the researcher and professor of Thailand. This is a very important topic for India and neighboring countries. Ethnic groups in European countries are also facing a similar challenges. Late King of Thailand H.H.Bhumibol Adulyadej was one of the most popular Kings of Thailand and he planned many projects for the upliftment of indigenous groups of Thailand. The most important and populated tribal areas in north so called golden triangle bordering Thailand, Myanmar & Laos being most fragile, he established a research and facilitation Center in Northern Thailand. Protected their rights and privileges. There are about 120 million forest dwellers in India too, which are basically associated with Sanatan Hindu culture. The challenges are the same as in Thailand. Many tribes also have mythological connections with neighboring countries of India. Many Indian indigenous groups like Chakma, Mogh or Marma, Tripura , Reang, Kuki, Garo, Bodo , Halam, Ochai, Karbi, Dimasa , Mizo , Naga , Khasi, Santhal, Gangte, Singpho, Sonowal, Yamchunger, Khasi, Jaintia(Pnar), Hajong, Koch, Barman , Chin etc have ancient links with neighbouring countries like Bangladesh, Myanmar , Thailand, Laos, Cambodia, Vietnam and even China. One of the indigenous group has ancient links with the Jews (Israel). Let us share the challenges Major S N Mathur,SM(Retd) Organised by: Center for Civilisational Studies (CCS) International Center for Cultural Studies (ICCS) Vishva Vibhag (ABVKA) *Topic: Ethnic Groups in Thailand: The Challenges* *Time: Jan 29, 2022 07:15 PM India* 15:00 CET Europe / 14:00 GMT/ Join Zoom Meeting https://us02web.zoom.us/j/87588670016?pwd=aVNrd1lFVkZHa0tCdWhhOTMwNXZNQT09 *Meeting ID: 875 8867 0016* *Passcode: 804038* Sent from my iPhone
participants (1)
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Surendra